समाधी साधनेचा आनंद भारतीय शास्त्रीय संगीतातून अनुभवता येतो. दररोज पहाटेच्या रियाजातून निघनारे अतिमंद्र सप्तकातील ते आर्त सूर, तानपुरऱ्याच्या तारांच्या कंपनातून निघनारा ध्वनी, गळ्यातील निघनाऱ्या स्वर आलापासी कसी संगती होते, वेगवेगळ्या स्वर समुहाच्या कल्पनेने रागाची बडत होते व जगाच्या सर्व बंधनातून मुक्त करते, मनाची एकाग्र व शांत अवस्था होते तीच भावातीत समाधी, ब्रम्ह स्वरूप आहे.🌹🌹🌹🌹
https://youtu.be/FeVgUgyEn2g?feature=sharedभारतीय शास्त्रीय गायन का प्रतिदिन अभ्यास एक योगीक प्रक्रिया है। शरीर की पूरी श्वसन संस्था इसमे कार्यरत रहती है। यह एक प्राणायम, योग तथा ध्यान धारणा की सहज क्रिया है जो की मानविय जीवन का स्तर उन्नत करने के लिए उपयुक्त है।
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https://youtu.be/CrDzJhuueZ8?si=CWdtS7q_-0i2rZ_-
हमारा संगीत, हमारे विचार। संगीतमय जीवन की अनुभूति, महत्व, उपयोग। हर पल, हर श्वास केवल संगीत ही संगीत।
*My music, my life*.🌹🌹🌹🌹🌹
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The daily music post distribution includes 500 WhatsApp groups in addition to platforms including Facebook, Twitter, LinkedIn, Koo, Telegram, YouTube, and more. Raising community awareness of Indian classical music is the only goal of this project. Village Music Club Almala. 🌹🌹🌹🌹🌹
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प्राचीन काल में राग के दस लक्षण माने जाते थे, जिनके नाम हैं– ग्रह, अंश, न्यास, अपन्यास, षाडवत्व, ओडवत्व, अल्पत्व, बहुत्व, मन्द्र और तार। इनमें से कुछ लक्षण आज भी परिवर्तित रूप में प्रयोग किये जाते हैं। 🌹🌹🌹
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The combined membership of fourteen music groups on Facebook is approximately 70,000, and the YouTube channel has more than half a million views. The group below contains all of the links. 🌹
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आज होणार्या श्री मुक्तेश्वर मासिक संगीत सभेचा कार्यक्रम काही कारनास्तव पोष्टफोन करण्यात आला आहे व हा कार्यक्रम जानेवारी च्या शेवटच्या आठवड्यात होनार आहे. तारिख लवकरच जाहीर करण्यात येईल कृपया याची सर्वांनी नोंद घ्यावी. 🌹🌹🌹🌹🌹
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पं. मुकुल शिवपुत्र - जैसे संस्कार में क्या है, आपकी मातृभाषा। यह आपको कोई सिखाता नहीं है। आप सुनते हैं और सीखते चलते हैं। उसके लिए कोई अभ्यास नहीं करना पड़ता। बस संगीत मेरे लिए यही संस्कार है। संगीत मेरी मातृभाषा है।🌹 🌹
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शास्त्रीय संगीत जगत के महान गायक पद्मभूषण उस्ताद राशिद खान साहब के निधन की दुःखद वार्तासे मन स्तब्ध हूवा। संगीत जगत को आपका योगदान, आनेवाली पिडिया कभी भुला नही पायेंगी। भावभीनी श्रद्धांजली।🌹
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प्रतिभा संपन्न हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायन परंपरा के विद्वान,उन्होंने ग्वालियर, जयपुर और आगरा घरानों में पहले से प्रशिक्षण प्राप्त किया है और वह इन तीनों स्कूलों के प्रतिनिधि के रूप में माने जाते है।🌹 🌹
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An exquisite assortment of Thumris shorts in one location. Look into this. Village Music Club Almala is taking Music to all. 🌹🌹🌹🌹🌹
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भारत रत्न लता मंगेशकर जी की गायकी को एक चमत्कार की तरह देखा जाता रहा है. उनकी गायकी में वो आकर्षण था जो सदियों में एक बार ही किसी को प्राप्त होता है. इसी हुनर ने लता को सबसे अलग और सबसे खास बनाया. उन्होंने गायकी की शुरुआत मराठी फिल्म में गाना गाकर की थी. 🌹
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पंडित नेहरू जी का भी किसी सरकारी काम से कोलकाता आना हुआ। जिस होटल में उस्ताद ठहरे थे, वहां पंडित नेहरू ने फोन करके उस्ताद से बातचीत की। हालचाल पूछने के बाद पंडित नेहरू ने कहा, 'इत्तेफाक से मैं भी यहां हूं और मेरे पास एक घंटे का समय है। सोचता हूं आपके साथ एक महफिल हो जाए।' पंडित नेहरू की 'एक घंटे' वाली बात उस्ताद को नागवार गुजरी और उन्होंने कहा कि अभी रहने देते हैं। जब पंडित नेहरू ने वजह जाननी चाही तो उस्ताद ने कहा, 'एक घंटे में तो मेरा गला ही गर्म होता है'। उस्ताद बडे गुलाम अली खान साहब. 🌹
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Another devastating loss for the world of classical music. Padma Vibhushan, Dr. Prabha Atre Ji, our cherished guru and great performer, has left this world for her heavenly adobe. Om Shanti 🙏 🙏
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इस वर्ष की मकर संक्रांति,
आपके लिए हो तिल लड्डू जैसी मीठी। मिले कामयाबी पतंग जैसी उंची,इसी कामना के साथ हैप्पी मकर संक्रांति। व्हिलेज म्यूजिक क्लब आलमला। 🌹 🌹 🌹
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पूर्व मध्यकाल में जिस भक्ति धारा ने अपने आन्दोलनात्मक सामर्थ्य से समूचे राष्ट्र की शिराओं में नया रक्त प्रवाहित किया, उसके उद्भव के कारणों के सम्बन्ध में विद्वानों में मतभेद है लेकिन एक बात पर सहमति है कि भक्ति की मूल धारा दक्षिण भारत में छठवीं-सातवीं शताब्दी में ही शुरू हो गई थी।🌹
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*जिनके मन राम विराजे*. विलंबित खयाल राग मालकौंस। उस्ताद अमीर ख़ाँ साहब हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के ऐसे मूर्धन्य कलाकार, जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता।उनकी शैली में
एक ऐसा प्रभावी प्रस्तुतीकरण होता है, जो की अंतर आत्मा को छुकर उच्चतम चेतना की ओर अग्रसर कराता है। 🌹🌹
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लोग कहते हैं - नगमा एक, कलाकार अनेक ।
आशा भोसले, हरिहारन, रिचा शर्मा, हरिश मोयाल, प्रतीभा सिंह बघेल, पृथ्वी गंधर्व, प्राजक्ता शुक्रे, जाजिम शर्मा, भाविक राठोड, स्नेहा शंकर, गायत्री अशोकन.🌹🌹🌹
https://youtube.com/playlist?list=PL5BuxPnaCfQfwgJ_LG4CsNnG4mVlg4IaU
भारतीय शास्त्रीय संगीत स्वरों व ताल के अनुशासित प्रयोग पर आधारित है। सात स्वरों व बाईस श्रुतियों के प्रभावशाली प्रयोग से विभिन्न तरह के भाव उत्पन्न करने की चेष्टा की जाती है।
राग अभोगी मे बंदिश निचे दिये लिंक पर ।
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*गुरुजी* इस मालिका में
स्वरोंकी प्रकृती, रंग, भाव और रागोंका रस तथा दक्षिण और उत्तर भारतीय शास्त्रीय संगीत एक दूसरे से कैसे मिलता है और फ़र्क क्या है यह संक्षिप्त मे इस संग्रहीत श्रंखला में जानकारी लेते हैं. 🌹🌹
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तालकटोरा स्टेडियम देल्ही मे लता दीदी के साथ कार्यक्रम था लगभग 50 हजार लोग सुनने के लिए थे। मै देल्ही तो गया मगर बिना बजाएं वापिस आया। पागलपन की भी हद होती है। *एक कलाकार का मजेदार किस्सा*।🌹🌹
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मोरारी बापू के आँखोंसे जब आंसू निकल पड़े ओ भी दर्दभरे गायन पर, संगीत का प्रभाव कितना असरदार होता है, सुरों की दुनिया बहोत महान हैं जो की मानवीय सभी भेदों से ऊपर उठकर जगत में शांति प्रस्थापित कराती है।
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घूम आसेना... बांगला भाषामें एक बहोत ही सुंदर रचना, पहली बार सुनने के पश्चात ऐसे लगा की इस रचना को जरुर गाने की कोशिश करना चाहिए। 🌹🌹🌹🌹🌹
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दरशन देवो शंकर महादेव, महादेव तेहारे चरण बिना, मोहे कलन परत घडी पल छिनदिन। राग यमन मे सुंदर प्रस्तुति ।🌹 🌹
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The notion of a Raag is at the foundation of Indian Classical Music. Simply put, a Raag uniquely defines a set of musical notes and their allowed arrangements to form a melody to evoke a certain mood.🌹🌹🌹
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राम राम हा राम पुकारी। हमहि देखि दीन्हेउ पट डारी॥मागा राम तुरत तेहिं दीन्हा। पट उर लाइ सोच अति कीन्हा॥🚩🌹🚩
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